जन नेता पंडित रमाकान्त तिवारी की प्रथम पुण्य तिथि कल 17 सितम्बर को
त्योंथर क्षेत्र से विधायक चुनकर म0प्र0 शासन के कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय करने वाले चाकघाट के लोकप्रिय जन नेता पं0 रमाकान्त तिवारी जी की प्रथम पुण्य तिथि 17 सितम्बर 2021 को उनके गृह ग्राम चाकघाट में मनायी जाएगी। इस आयोजन में मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष माननीय गिरीश गौतम जी सहित विन्ध्य क्षेत्र के अनेक वरिष्ठ राजनेता एवं प्रमुख लोग उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित करेंगे।
त्योंथर क्षेत्र के लोकप्रिय जन नेता को प्रथम पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए समूचे क्षेत्र के लोग पहुँचेंगे। स्मृति-शेष पं0 रमाकान्त तिवारी जी एक साधारण किसान परिवार से राजनीति में आकर गरीबों की पीड़ा समझी और कृषक नेता के रूप में कृषि उपज मण्डी समिति चाकघाट के अध्यक्ष बनें। उसके प्श्चात त्योंथर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर व्यापक स्तर पर जन आन्दोलन करके शासन-प्रशासन का ध्यान इस क्षेत्र की समस्या के निदान हेतु आकृष्ट कराया।
त्योंथर क्षेत्र उ0प्र0 की सीमा से लगें होने के कारण दस्यु समस्या से ग्रसित था। हत्या,डकैती,अपहरण,लूट-पाट,करने वाले अपराधियों का खुला विरोध करने एवं दस्यु-उन्मूलन में तिवारी जी का महत्वपूर्ण श्रेय रहा। त्योंथर अंचल के किसान बिजली, पानी, सिचाई के अभाव में अपनी जमीन औने-पौने दामों में बेंचकर पलायन कर रहे थे, जिनकी वेदना को समझते हुए इस अंचल में हरित क्रान्ति का नारा देकर त्योंथर की प्यासी धरती को पानी देने के लिए सिचाई योजना को आरंभ्भ करवाया। क्षेत्र में सड़कों का विस्तार,नदी-नालों पर पुल-पुलियों का निर्माण,असंभव कहे जाने वाले त्योंथर टमस नदी पर पुल का निर्माण इनकी विकास योजना की कड़ी में गिना जाता है।
त्योंथर क्षेत्र से प्रथम बार विधायक चुने जाने के पश्चात पं0 रमाकांन्त तिवारी जी ने चार बार इस क्षेत्र का सफल प्रतिनिधित्व किया। म0प्र0 शासन में उच्च शिक्षा,तकनीकि-शिक्षा,पशुपालन आदि विभागों में केबिनेट मंत्री के रूप के अपने उत्तरदायित्व का व्यवस्थित निर्वहन किया।
शासन के ऊॅंचे पदों पर रहते हुए भी इन्होने अपनी सरलता, सहजता, स्नेहिलता के कारण हर किसी के हृदय में स्थान बनाने में सफल रहे। जो भी इनसे एक बार मिलता इन्हीं का होकर रह जाता। पं0 रमाकान्त तिवारी जी अपने व्यक्तिगत एवं राजनीतिक जीवन में सदा सर्वदा अजात शत्रु बनकर रहें। सत्ता पक्ष हो अथवा विपक्ष, किसी विचार धारा का व्यक्ति, कोई-क्यों ना हो किन्तु उनके लिए सभी अपने थे और तिवारी जी सबके लिए संरक्षक की भूमिका में सदैव दिखाई देते थे।
17 सितम्बर 2020 को संध्या-बेला में अस्वस्थता के चलते उन्होेंने अपने निवास चाकघाट में अंतिम साँस ली। जीवन-पक्ष की अंतिम मंजिल तो आत्मा का परमात्मा में विलीन होना ही है किन्तु जीवन पथ में लोगों के साथ किया गया सद् व्यवहार सदा सर्वदा अमर हो जाता है।
पं0 रमाकान्त तिवारी जी हर स्तर पर आम-अवाम के साथ सदा जुड़े रहे और उनकी सहजता, उनका जन-जन से स्नेह-भाव जुड़ा रहा और आगे समय में भी उनकी स्मृति जनता के हृदय-पटल सदा सर्वदा विराजमान रहेगी। समय बीतते देर नही लगती,उनके निधन के एक वर्ष व्यतीत हो गए ।
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