त्योंथर की दिव्यांग खाद्यान्न के लिए भटकने को मजबूर, कलेक्टर से लगाई गुहार
रीवा- केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जहां विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गांव के अंतिम छोर तक पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने की बात करती हैं। वही उनकी ही योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा जमकर गोलमाल कर पात्र व्यक्तियों को वंचित किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला त्योंथर के ग्राम पंचायत अतरैला-12 में देखने को मिला है जहां दोनों आंखों से पूरी तरह दिव्यांग 17 वर्षीय सत्या तिवारी पिता रमेश तिवारी खाद्यान्न के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है और तमाम शिकायतों के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी कुंभकर्णी की नींद में सो रही हैं। बता दे कि 5 माह पूर्व सत्या तिवारी शासन की सभी योजनाओं से वंचित थी जिसको लेकर मीडिया द्वारा प्रमुख्ता से खबर प्रकाशित किया गया तो आनन-फानन में दिव्यांग प्रमाण पत्र, पेंशन, घर में शौचालय का निर्माण करवाया गया परंतु खाद्यान्न सहित कृत्रिम उपकरण आज तक उपलब्ध नहीं करवाया जा सका। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जहां कोरोना काल में गरीब वर्ग के लोगों के लिए नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है परन्तु ग्राम पंचायत अतरैला-12 में ऐसा नही हो रहा है। दोनों आंखों से दिव्यांग सत्या तिवारी प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से भटकने को मजबूर है। ऐसा नही है कि उक्त मामले की जानकारी सचिव व त्योंथर के प्रशासनिक अधिकारियों को ना हो लेकिन शिकायतों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। मामले पर जब ग्राम पंचायत सचिव आकाश त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना है कि 1 माह पूर्व ऑनलाइन फीडिंग करवाने के साथ-साथ कोटेदार को 5 किलो प्रति व्यक्ति के हिसाब से खाद्यान देने हेतु बोला गया है। लेकिन सत्या तिवारी की माने तो आज तक न ही खाद्यान्न मिला और न ही खाद्यान्न पर्ची मिली है। जिसको लेकर पीड़ित द्वारा मीडिया समाचार के माध्यम से जिले के कलेक्टर महोदय का ध्यान आकृष्ट कराते हुए खाद्यान्न उपलब्ध करवाने का निवेदन किया है और लापरवाह लोगों पर कार्यवाही की मांग की है।
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