राशन की समस्याओं से जूझ रहें गरीब वर्ग, राशन केंद्रों में नही मिल रहा राशन
त्योंथर रीवा। कोरोना संक्रमण के पुनः दस्तक के साथ ही जिले भर में लगाए गए जनता कर्फ्यू एवं उसके पश्चात लगाए गए टोटल लॉकडाउन पर रोजीरोटी छिन जाने से गरीब-मजदूर वर्ग के सामने राशन की समस्या सामने आने लगी है। प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार जहां ऐसे परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करवाने की बात कर रही है, वहीं जिम्मेदार कानो में तेल डालकर कर गरीबों का राशन डकारने व गोलमाल के फिराक में नजर आ रहे है। बता दे कि चाकघाट नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत पात्र हितग्राहियों जिनके पास खाद्यान्न की पर्ची मौजूद है उन्हें अब तक खाद्यान्न नही मिला है। वहीं कुछ ऐसे परिवार भी है जिनके पास खाद्यान्न की कोई पर्ची नही है वह परिवार भी भटक रहे है। फिर भी प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने इस विकट परिस्थिति में सभी गरीब मजदूर वर्गों को मदद का भरोसा दे रही है। चाकघाट के विपणन सहाकारी समिति के प्रबंधक सत्यनारायण द्विवेदी का कहना है कि उन्हें अब तक गेहूं की खेप प्राप्त हुई है चावल, नमक, चीनी अन्य खाद्यान्न उपलब्ध नही हुआ है। जिला आपूर्ति अधिकारी एमएनएच खान द्वारा बताया गया कि अतिरिक्त आवंटन के लिए भोपाल बात कर रहे है, आवंटन एक दो दिन में जारी हो जायेगा साथ ही जहां जिस राशन दुकान पर राशन सामग्री कम है या अन्य खाद्यान्न नही पहुंचा है चेक कर वहां भी पंहुचा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया है अप्रैल, मई, जून के निःशुल्क राशन वितरण करने के शासन द्वारा निर्देश मिले है व दो माह (मई, जून) का राशन केंद्र सरकार द्वारा निःशुल्क दिया जाएगा जिन लोगों ने अप्रैल-मई माह में पैसे से राशन खरीदे हैं उन्हें अन्य 3 माह का राशन नि:शुल्क दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा 5 किलो गेहूं प्रतिमाह प्रति सदस्य के हिसाब से राशन निःशुल्क दिया जाएगा। एक परिवार में जितने सदस्य रहेंगे उस परिवार को 5 किलो प्रति सदस्य के हिसाब से राशन का वितरण किया जाएगा। आपको यह भी बता दे कि चाकघाट सहित त्योंथर के विभिन्न राशन केन्द्रों में लगभग यही हाल है और गरीब वर्ग राशन की समस्याओं से जूझ रहें है, साथ ही राशन केंद्रों में हितग्राहियों को राशन नही मिल रहा है। सूत्रों की माने तो कुछ राशन केन्द्रों में आपदा पर अवसर ढूंढ रहे है और गरीबो के हक छिनने के प्रयास में है जिसपर कलेक्टर महोदय का ध्यान आकृष्ट करवाया गया।
1 रुपये किलो का राशन बेचने वाले हुए करोड़पति
मामले में लोगों को कहना है कि हितग्राहियों के राशन में गोलमाल कर एक रुपए किलो गेहूं व एक रुपये किलो का चावल बेचने वाले कोटेदार जल्द ही लखपति और करोड़पति बन गए है। इनके पास कम समय में अत्यधिक धन अर्जित हो गई है जिसपर जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
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